प्यार की कोई सीमा नहीं होती और ना ही कोई नियम....

एक था मोटा और एक थी मोटी उन दोनो की एक खास बात ये थी के दोनो ही मोटे नहीं थे, लेकिन वो के दूसरे को प्यार से इसी तरह संबोधित करते. मोटा जब मोटी से बात-चीत के कमरे में मिला (छट - रूम) तब वे दोनो ये नहीं जानते थे के उन्हें यहाँ उनका अपना कोई मिलेगा क्यूंकि ऐसी कोई उम्मीद से नहीं आये थे वो यहाँ. सिर्फ एक वक़्त गुज़ारने का साधन था लेकिन उस रात ऐसी बात नहीं थी। दोनो एक दूसरे को जानते भी नहीं थे और मोटा - पंजाबी मुंडा के नाम से आया था और मोटी पंजाबी कुडी के नाम से आई थी जो भी दोनो ने जो अंताक्षरी में बात-चीत शुरू की के कब सुबहा के २ बजे इसका दोनो को ही अंदाज़ा नहीं लगा बस फिर क्या था पंजाबी मुंडे ने जाते-जाते पंजाबी कुडी से एमआईल अड्रेस लेलिया और बस ज़िंदगी भर का रोग या फिर नाता बना लिया। मुंडा लम्बी - लम्बी चिट्ठी लिखता और अंग्रेजी के गाने लिख कर भेजता. पंजाबी कुडी ये सब पढ़कर खुश होती खासकर इसीलिये की ये सब उसके पसंदीदा गानो में से एक होते और उसे ताज्जुब होता की मुंडे को ये सब कैसे पता के उसकी पसंद क्या है? खैर जो भी हो दोनो चिट्ठियों से बोर होकर जल्द ही फोन की दुनिया में आये और बस फिर क्या था मुंडा कभी फोन पट गाने सुनता तो कभी प्यार की बातें - जाने कब दोनो एक दूसरे की चेष्टा करते ज़िंदगी के उस मोड पर पहुंचे जहां एक-दूसरे से दूर तो क्या जुड़ा भी नहीं सोच पाते - ऐसे में एक वो भी वक़्त आया जहां मुंडा और कुडी दोनो गंभीर हो गये और एक-दूसरे से प्यार का इजहार कर बैठे - बस उनका प्यार कुछ इस तरह से शुरू हुआ जहां मुंडे ने कहा - मोटी, तुम्हारा दीमाग खराब है मैं तुमसे मिलने इतनी दूर आऊँ और फिर मेरा दीमाग खराब हो गया तो? मोटी ने झट कहा क्या? मैं, मोटी हूँ? नहीं तो? तुमने मुझे अभी तक देखा ही कहाँ है जो मुझे मोटी केहा रहे हो? बस मुंडा इस अदा पर फिदा होगया बस वो ऐसे हंसने लगा के बस कुडी ने कहा, मोटे ... ज्यादा मत हंसो मैं तो फिर भी पतली हूँ - तुम फिर भी मोटे की दायरे में आते हो ६ फुट २ इंच के जो हो - प्यार तो ऐसा था जैसे किसी और जहां में उन्हें किसी की भी फिकर नहीं थी ना ही कभी उन्हें लगा के उनके बाहर भी कोई है ... 
ऐसे ही बेझिझक, बेइंतेहा प्यार करने वाले मोटे का आज जनमदिन है - मोटी को कुछ सूझा नहीं क्युंके हर साल वो मोटे के लिये तोहफा भेजती थी और मोटा नाराज़ हो जाता था, अब तो ऐसी बात हो गयी के मोटी डरती है तोहफा खरीदकर भेजने के लिये ऐसे में वो अपना प्यार ही जताती है - और क्यूं ना हो प्यार करने वाले दो दिलों को एक-दूसरे के प्यार की ही ज़रूरत होती है .... है ना?
जनमदिन मुबारक हो मोटे - खुश रहो सदा, मुस्कुराते रहो हमेशा, किसी दिन मिलेंगे तुम्हें, जहां साथ हो तुम्हारी मोटी, और हमारा ये मोटा ;)
प्यार की कोई सीमा नहीं होती और ना ही कोई नियम. ये तो दिल का मामला है जो केवल एक दिल ही जानता है !


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