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Showing posts from March, 2015

इंसान तू कब हैवान बना ये तू भी नहीं जानता

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मुझे नफरत है जो इंसान बेहकावे में आजाते हैं। हम अपनी मर्ज़ी से नहीं पैदा होते .... एक वजह होती है हमारे इस संसार में आने के लिये और उसकी वजह एक स्त्री और पुरुष के अलावा कुछ नहीं होता. लेकिन हम इंसान अपने आपको जितनी बंदिशों और दायरों में बांध के रखें उतना ही अपने आपको सुरक्षित मेहसूस करते हैं।  लानत है... ऐसे इंसानियत पर । क्युंके में एक हिन्दू परिवार मैं जनी हो के किसी एक गांव, एक प्रदेश या एक जाती से हैं इस करके मेरा सोचना और  रेहना  सब कुछ उसी प्रदेश और प्रांत जैसे होना वाजिब नहीं, मुझे मेरी आज़ादी है सोचने की और उस सोच पर अमल करने की और ये मेरा जन्मसिध अधिकार है।  इसे ना तो कोई नेता या प्रजा या प्रजातंत्रा या राजनेतिक दल बदल सकता है। इतने साल में दुनिया को जो देखा और लोगों को जो समझा आज मुझे गर्व और कृतगयता मेहसूस होता है अपने माता-पिता के प्रति जिन्होने कभी भी मुझे एक हिन्दू होकर जीने में प्रोत्साहित या दबाव भी नहीं डाला। मुझे मेरा बचपन याद आता है जहां मैं मंदिरों में जाती थी, वहीं मेरी पड़ोसी आंटी जो की एक पेंटिकोस्‍टल ईसाई थी और उनकी अपनी बेटी अस्पताल में होने पर मुझे अ

एक-दूसरे को इंसान समझिये और हैवानो को इंसान बनाइये ना के उन्हें मिटाकर खुद हैवान बन जायें!

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शिक्षा केहते हैं इंसान का ज्ञान बढ़ाते हैं और तो और अज्ञानता को दूर करता है . बहुत हद्द तक मेरा भी मानना यही था तब तक जब तक के मैने पढ़े-लिखे लोंगों को सभ्यता से पेश आते देखा है. जैसे जैसे जीवन को करीब से देखने का अवसर मिला है तो यही देखा है की पढ़े-लिखे और अनपढ़ लोगों में ज्यादा फरक नहीं है बल्कि कई बार अनपढ़ को फिर भी इंसानियत का ज्ञान होता है, लेकिन मैने पढ़े-लिखे लोगों को अज्ञानता से भरे और हैवानियत से भरी बातें और कर्म करते हैं सुना है और ये खुले आम होते देखने के बाद इंसानियत से विश्वास जैसे टूट सा गया है. जानवर से यदि हम सीखें तो बहुत कुछ हम अब भी अपने दायरे में रेहा सकते हैं. आज इंसान इसी होड़ में लगा है के वो किस हद्द तक अपने स्तर से गिर सकता है ताके इंसानों से क्या अपने आने वाली कई पीड़ियों से वो नज़र नहीं मिला सकता. बचे कुचे इंसानो को ये देखकर चुप नहीं रेहाना है बल्कि इसके विरूध आवाज़ उठानी है और आम जनता में इसकी जागरूकता लानी है  एक-दूसरे को इंसान समझिये और हैवानो को इंसान बनाइये ना के उन्हें मिटाकर खुद हैवान बन जायें!