मेरी दरख्वास्त दोस्तों से ... !!!
दोस्तों देश छोड़ दिया लेकिन जहाँ जन्म लिया वहां देश के बारे में सोचना क्यों छोड़ दें? और तो और प्रधानमंत्री ने खुद कहा के पूरा जहाँ हमारा है तो फिर लोग ऐसा दावा क्यों कर रहे हैं के देश की भलाई चाहते हो तो देश में आकर रहो? जितने साल हम देश में थे लड़े और भ्रष्टाचार कर्मचारियों को बेनकाब किया और बिना घूसखोरी के अपने काम पूरे किये। इतने बड़े देश का एक तिनका होनेके बावजूद हमने अपना कर्म और धर्म निभाया - यहाँ धर्म इंसानियत है !
मुझे मेरे सभी साथियों से यही कहना है की आप लोग जो समर्थन कर रहे हैं मुझे - सामने आकर या फिर सन्देश भेजकर उन सभी को मैं तहे-दिल से शुक्रिया कहना चाहती हूँ।
और मैं ये भी कहना चाहती हूँ के दोस्तों यदि किसी कारणवश आप डरते हैं की मुझ से सहमत होने से आपको अपनी छवि (इमेज) ख़राब होती है या बेनकाब हो जाते हो तो आप कृपया करके सहमति न दीजिये और साथ न दीजिये - मुझे इस बात का कतई बुरा नहीं लगेगा।
स्वंत्र भारत में पैदा हुई हूँ मैं और महाराष्ट्र के राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में पली बड़ी हूँ इस करके भी दिल की बात कहना और अपनी बात स्पष्ट रूप से कहने का हक़ रखती हूँ। हमारे बाल गंगाधर तिलक खुद सीखा गए हैं की "स्वंतंत्रता मेरा जन्मसिद्द अधिकार है ये मैं लेके रहूँगा", तब भारत आज़ादी की लड़ाई लड़ रहा था।
आज देश आज़ाद होकर हमें ६८ साल होगये और स्वंत्र विचार सामने रखने की स्वंतंत्रता हम खो रहे हैं? ये कहाँ जा रहे हैं हम?
मेरा निजी विचार
मेरा वीडियो किसी को भी आरोपी नहीं मानता, मैंने चंद सवाल किये जो की न केवल एक भारतीय लेकिन कोई भी विदेशी, कोई भी प्रांत, जाती, धर्म या लिंग का हो सकता है - ऐसा क्यों लगा की सिर्फ मोदी जी के समर्थकों को ही उनसे मिलने का और उनकी सभा में भागीदार होने का हक़ है , जिसका तात्पर्य ही ये होता है की ये सभा उन्ही लोगोंके लिए है और ऐसे मैं क्यों उन लोगों से सवाल किया गया की "मेरी कोई गलती है?" यही सब मुझे सवाल करने पर मजबूर कर गए। मैं वहां अन्य लोगों की तरह प्रधानमंत्री जी का भाषण सुन ने गयी थी। मैं कोई मोदी भक्त नहीं लेकिन हाँ देश को चलाने वाले नेता को सुनने का अवसर खोना नहीं चाहती थी, लेकिन वहां जब मोदी जी के सवाल पर लोग जैसे चमक पर चकाचौंध हो गए - मुझे नहीं लगता के किसी भी भारतीय के पास वक़्त है अगली सरकार और अगली नेता का। ऐसे में यतार्थ रूप से सवाल करना और प्रश्नो को उठाना ज़रूरी है इसी से नेक मार्ग निकल आते हैं देश की प्रगति के लिए। सपने देखना और बात है और सपनो को साकार होते देखना एक --- सपने भी तभी पूरे होते हैं जब हम स्वयं उसमें भाग लेते हैं देश की उन्नति के लिए। सिर्फ हाहाकार मचाने से वक़्त कटता है। आप सभी को याद होगा गडरिया और शेर की कहानी जहाँ, " शेर आया शेर आया" की आवाज़ में सभी दौड़ पड़ते थे गडरिये को बचाने। हम उन गाँव वासियो की तरह न रहा जाएँ !
इस सवाल करने से न तो मैं कम भारतीय बन जाती हूँ और न ही फिरंग। लोगों का विश्वास मोदी जी पर है तो ये उनका निजी मामला है, मेरे वीडियो पर टिपण्णी करनेवाले लोग शायद अपने आप में विश्वास नहीं रखते हैं इसीलिए मेरे सवाल करने पर कराह उठे हैं।
सवाल करना कभी भी गलत नही है और मैं यही कहूँगी आने वाली पीढ़ी सवाल करना बंद न करें वरना सभी कठपुतली बनके रेह जायेंगे !
स्वयं मोदी जी केहा रहे थे की सारा जहाँ हमारा है तब हर किसी को किसी भी देश की अर्थव्यवस्था पर सवाल करने की स्वंतंत्रता रहती है।
जय हिन्द।
~ फ़िज़ा
विडियो कहाँ है, यहाँ भी लगा दीजिये !
ReplyDeleteJi niji vichar video link he hai magar aapki salah bhi sahi hai isiliye video upload kar hee diya :) shukridya
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