अपने अतीत से वास्ता रखना अपने अच्छे के लिए !
अक्सर लोग ज़िन्दगी में पिछली बातें भूल जाते हैं। इंसान में पहले जैसे उदारता और स्नेह नहीं रहा जाता। कहीं अपने आप में एक गुरुर आजाता है सरे प्रशस्ति और प्रशंसा की वजह से, ऐसे में धरती से जोड़ रखने के लिए उसे एक बार पिछली बातों से अवगत करा देना अच्छा होता है क्यूंकि इससे कई रिश्ते जुड़े रहते हैं।
लेकिन अगर इंसान खुद ये आदत रखे जहाँ वो अपनी पुरानी अर्थ-व्यवस्था को याद रखता है तो उसमें विनम्रता बनी रहती है और ये ज़िन्दगी की ख़ुशी के लिए बहुत ही अनिवार्य है।
अपने अतीत से वास्ता रखना अपने अच्छे के लिए !
लेकिन अगर इंसान खुद ये आदत रखे जहाँ वो अपनी पुरानी अर्थ-व्यवस्था को याद रखता है तो उसमें विनम्रता बनी रहती है और ये ज़िन्दगी की ख़ुशी के लिए बहुत ही अनिवार्य है।
अपने अतीत से वास्ता रखना अपने अच्छे के लिए !
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