कल किसने देखा?

केहते हैं कल किसने देखा, अब देखो मेहता अंकल की बेटी संगीता पड़ोस के नटराजन अंकल के बेटे वेंकटेश को बेहद पसंद करती थी. रोज़ उसे स्कूल जाते समय तो स्कूल से आते समय देखती और वेंकटेश का ध्यान अपनी तरफ खेंचने की कोशिश करती. वेंकटेश किसी से नहीं तो अपनी माँ वैजयंती से बहुत डरता था और इसी वजह से कभी किसी लड़की की तरफ आंख भी उठाकर नहीं देखता था ! वैसे ज़रूर देखता होगा नहीं? छिप-छिप कर हा हा हा ..खेर जैसे में यहाँ हंस रही हूँ उसी तरह वेंकटेश के दोस्त और संगीता की सहेलियाँ जो जानती थी की संगीता को वेंकटेश पसंद है, वो भी हँसती थी।
एक दिन संगीता ने आव देखा ना ताव, अपनी सहेलियों और वेंकटेश के शर्मीले स्वभाव से तंग आकर एक दिन स्कूल जाते वक़्त वेंकटेश जब अपनी मोटर साइकल निकल कर जा ही रहा था के संगीता मोटर साइकल के  पीछे की सीट पर सवार होगयी और बस वेंकटेश सीधे तेज़ रफ़्तार से संगीता को लेकर उड़नछू होगया ...
दोस्तों कभी कभी प्यार में ये सब तो चलता है ...किसी को तो आगे कदम बढ़ाना पड़ता है ...वर्ना सोचिये आज तक संगीता देखते और वेंकटेश शरमाते रेहते जाते 
काल करे सो आज कर, आज करे सो अब,
कौनसा जीना है यहाँ बरसों कर ले जो है अब!

Comments

Popular posts from this blog

सवाल करने वाले को न रोकें और न ही उन्हें नफरत से देखें!

गीदड़ की जब मौत आती है तब वह शहर की तरफ भागता है

ज़िंदगी में अपनी पेहचान बनाना सीखो ना की किसी की पेहचान से लटक कर उनकी दूम बन जाओ ;)