किसने कहा था जीना आसान होता है?



ज़िंदगी में गलतियां हो जाती हैं और अक्सर हर कोई गलती करता है। कोई छोटी गलती करके बच जाता है तो कोई बड़ी गलती करके पकड़ा जाता है।  
इंसान हैं और इंसानों से ही गलतियां होती हैं।  इंसान इकरार करता है इसीलिए गलती माना भी जानता है, वरना जानवरों की भांति बात होती। 
कुछ गलतियां इंसान-इंसान में फरक महसूस करवाता है जैसे की किसी की गलती किसी को बहुत बड़ा अपराध नज़र आता है तो किसी को नहीं!
आखिर वजह क्या है ? इंसान गलतियां करता है किसी न किसी कारणवश और वजह सही हो या गलत ये हर कोई अपने ढंग से आँकता है। 
कुछ गलती समय की वजह से गलत साबित होते हैं तो कुछ कर्म से ही गलत माने जाते हैं। 
काश जीना आसान होता, सोचती हूँ जानवर कैसे जीते हैं? क्या उनका भी एक समाज और कटगराह होता है ?
गलतियां जिसकी परिभाषा करने वाले के पास अलग और गलती मनवाने वाले के पास अलग होता है - अभिप्राय!

सुना था कुछ लोग केहा रहे थे गलतियां करते जाओ तभी तो सीखोगे :) हम गलती कर बैठे ऐसा कहते हैं और अब हम गुनेहगार हो गए !!!
किसने कहा था जीना आसान होता है? 

~ फ़िज़ा 

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